शनिवार, 14 फ़रवरी 2015

मात पिता गुरू प्रभु चरणों में प्रणवत बारम्बार। : Sanjay mehta Ludhiana







मात पिता गुरू प्रभु चरणों में प्रणवत बारम्बार।
हम पर किया बड़ा उपकार। हम पर किया बड़ा उपकार।

माता ने जो कष्ट उठाया, वह ऋण कभी न जाए चुकाया।
अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया, ममता की दी शीतल छाया।।
जिनकी गोदी में पलकर हम कहलाते होशियार,
हम पर किया..... मात पिता......

पिता ने हमको योग्य बनाया, कमा कमा कर अन्न खिलाया।
पढ़ा लिखा गुणवान बनाया, जीवन पथ पर चलना सिखाया।।
जोड़-जोड़ अपनी संपत्ति का बना दिया हकदार।
हम पर किया..... मात पिता......

तत्त्वज्ञान गुरू ने दरशाया, अंधकार सब दूर हटाया।
हृदय में भक्तिदीप जला कर, हरि दर्शन का मार्ग बताया।
बिनु स्वारथ ही कृपा करें वे, कितने बड़े हैं उदार।
हम पर किया..... मात पिता......

प्रभु किरपा से नर तन पाया, संत मिलन का साज सजाया।
बल, बुद्धि और विद्या देकर सब जीवों में श्रेष्ठ बनाया।
जो भी इनकी शरण में आता, कर देते उद्धार।
हम पर किया..... मात पिता......











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