रविवार, 26 मई 2013

वन्दना काली माता जी की : Vandana Kali Mata Ji Ki... Sanjay Mehta Ludhiana








वन्दना काली माता जी की
काली माता कालिए, माता शेरां वालिये
जी मै तेरे गुण गावां राजरानी माँ तेनु शीश निवावा
तू काली कलकत्ते वाली तेनु कहन ज्वाला
सारे भारत अंदर दाति तू कीता उजियाला
जी मै तेरे गुण गावां राजरानी माँ तेनु शीश निवावा
विच पहाड़ा आसन तेरा, सोहना बनिया मन्दिर
ज्योतां वाली जोत जगा दे भक्तां दे मन दे अन्दर
जी मै तेरे गुण गावां राजरानी माँ तेनु शीश निवावा
ऐसा वैसा सब कोई आखे आखे ना कोई दीवाना
प्रेम तेरे विच रम गया माता हो गया मै मस्ताना
जी मै तेरे गुण गावां राजरानी माँ तेनु शीश निवावा
तू मेरी माता जी, मै तेरा पुत्र संजय निकारा
कर दो बेडा पार मैया मैनू तेरा ही सहारा
जी मै तेरे गुण गावां राजरानी माँ तेनु शीश निवावा



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Sanjay Mehta












मंगलवार, 14 मई 2013

Jai Ganpati ji Maharaj : Sanjay Mehta Ludhiana











गणपति की पूजा प्रत्येक के लिए आवश्यक है, कोई श्री राम जी की भक्ति कर रहा हो श्री कृष्ण की भक्ति कर रहा हो, पर गणपति महाराज को ना मानना अच्छा नहीं है. गणपति महाराज विघ्नहर्ता है, आप किसी भी उत्तम कार्य का प्रारम्भ करते है तो पहिले गणपति की पूजा करनी ही पड़ती है, सत्कर्म में बिघ्न आते है, गणपति महाराज हाथ में लड्डू लेकर बैठे है, जो गणपति की पूजा करता है, उसे हर रोज लड्डू मिलते है, उसके कार्य में कोई बिघ्न नहीं आता है, वेदों में गणपति महाराज का महात्म्य बहुत वर्णित है, वे साक्षात् परमात्मा के स्वरूप है, शंकर पार्वती के विवाह में भी गणपति की पूजा की गई है, गणपति महाराज हलाकि पार्वती जी के घर प्रकट हुए है, पर वे अनादि ब्रह्म है, सभी देव हाथ में शास्त्र लेकर बैठे है, किसी के हाथ में सुदर्शन चक्र है, किसी के हाथ में गदा है, तो किसी के हाथ में धनुष है, कोई त्रिशूलधारी है, एक गणपति ही ऐसे है जो शास्त्र नहीं, लड्डू लेकर बैठे है, गणपति की पूजा प्रत्येक के लिए आवश्यक है.

अब बोलिए जय गणपति देवा
जय माता दी जी

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Sanjay Mehta









बुधवार, 8 मई 2013

Jai Siya Ram By Sanjay Mehta Ludhiana







किसी को दंड से और किसी को अनुग्रह से --- यों भगवान् इस ब्रह्मांड को वशीभूत किये है. किन्तु भगवन की उस निग्रह शक्ति को हे लक्ष्मी जी …. आपकी दया रोक देती है, अर्थात हरि भले ही दंड देना चाहे, किन्तु यदि आप किसी पर प्रसन्न हो गयी तो फिर हरि की वः निग्रह शक्ति उस पर नहीं चलती

माँ आप कितनी दयावान है, भगवान की दया किसी पर भी हो, यह बात तो निश्चित है माँ वह आपके अधीन है. क्युकी हम देखते है, आपकी दयादृष्टि की बिना श्री राम ने निरपराध बाली को भी मारा दिया था क्यों की उस समय माँ आप साथ नहीं थी . . अवध्य एक स्त्री (ताड़का) तक को मारा था.क्युकि आप तब भी साथ नहीं थी . किन्तु आप जिस समय मैजूद थी और रक्षा के लिए आपका इशारा हो चूका था, उस समय अत्यंत अपराधी भी (जिसने आपके शरीर तक को व्यथा पहुंचाई थी) वह काक (जयंत) छोड़ दिया गया था , आप दयामयी है, करुणामयी है, आप को शत शत नमन माँ
जय सीता मैया जय माता दी





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Sanjay Mehta








रविवार, 5 मई 2013

Jai Shree Radhe... By Sanjay Mehta Ludhiana









घर में भगवान का स्वरूप रखिये . लाला का सुन्दर श्रृंगार क्रिये. भगवान् के दर्शन से त्रप्त न होइये. आँखे प्रभु में स्थिर करके प्रभु के नाम का जप करिये . आँखों से उन्हें भीतर प्रविष्ट करवाइए … फिर आँखे बंद करके उनके स्वरूप के दर्शन भीतर ह्रदय में करिये . प्रभु के एक - एक अंग में आँख रखिये. प्रभु के चरण कैसे है। चरण लाल है… चरण में कमल का चिह्न है… प्रभु के नख तो रत्न जैसे है. उनके अंगूठे से धीरे-धीरे गंगा जी प्रस्फुटित होती है. ठाकुरजी का श्रीअंग श्याम है. सुंदर पीताम्बर उन्होंने पहिना है. हाथो में शंख, चक्र, गदा और पद्म है, भगवान् के मस्तक पर सुंदर मुकुट है, मुकुट में रत्न जडित है, मुकुट के चारो और सुंदर प्रकाश प्रकट हो रहा है. प्रभु का श्रीअंग आनंदमय है, ठाकुरजी के रोम-रोम में आनंद भरा है. प्रभु के अंग में रुधिर नहीं है, मांस नहीं है, मल-मूत्र नहीं है, हड्डियाँ नहीं है, सिर्फ आनंद ही भरा है. प्रभु का मुखारविंद अति सुंदर है.
जय श्री कृष्णा
जय श्री राधे
जय जय माँ




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Sanjay Mehta