गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

इक बालक ने घर रत्नों दे, वेखो अलख जगाई ए : Jai Baba Balak Naath Ji: Sanjay Mehta Ludhiana








ਇਕ ਬਾਲਕ ਨੇ ਘਰ ਰਤ੍ਨੋ ਦੇ , ਵੇਖੋ ਅਲਖ ਜਗਾਈ ਏ
ਸਾਰੇ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਰੋਲਾ ਪੈ ਗਯਾ, ਰਤ੍ਨੋ ਮਾਂ ਹਰ੍ਸ਼ਾਈ ਏ

ਕਲ ਤਕ ਵੇਖੋ , ਰਤ੍ਨੋ ਕੱਲੀ ਸੀ , ਅਜ ਰਬ ਨੇ ਕੀ ਰੀਤ ਬਣਾਈ
ਰੂਪ ਧਾਰ ਕੇ ਇਕ ਯੋਗੀ ਦਾ, ਬਾਲਕ ਆ ਗਯਾ ਸ਼ਾਹ ਤਲਾਈ
ਰਲ ਮਿਲ ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਆ ਗਏ, ਰਤ੍ਨੋ ਨੂੰ ਮਿਲੇ ਵਧਾਈ ਏ
ਸਾਰੇ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਰੋਲਾ ਪੈ ਗਯਾ, ਰਤ੍ਨੋ ਮਾਂ ਹਰ੍ਸ਼ਾਈ ਏ

ਸੀਸ ਤੇ ਓਹਦੇ ਸੁਨਹੇਰੀ ਵਾਲ ਨੇ, ਗਲ ਚਾਂਦੀ ਦੀ ਸਿੰਘੀ ਪਾਈ
ਬਗਲ ਚ ਝੋਲੀ, ਹਥ ਚ ਮਾਲਾ, ਲਗਦਾ ਹੈ ਕੋਈ ਓਹ ਰੂਪ ਇਲਾਹੀ
ਜੈ ਅਵਿਨਾਸ਼ੀ , ਗੁਫਾ ਨਿਵਾਸੀ, ਰਚਨਾ ਖੂਬ ਰਚਾਈ ਏ
ਸਾਰੇ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਰੋਲਾ ਪੈ ਗਯਾ, ਰਤ੍ਨੋ ਮਾਂ ਹਰ੍ਸ਼ਾਈ ਏ

ਬੋਲੋ ਭਗਤੋ , ਸਾਰੇ ਪ੍ਰੇਮ ਨਾਲ , ਪੋਣਾਹਾਰੀ ਦੀ ਜੈ ਬੋਲੋ
ਭਵ ਸਾਗਰ ਤੋ ਪਾਰ ਜੇ ਹੋਣਾ , ਜਟਾਧਾਰੀ ਦੀ ਜੈ ਬੋਲੋ
ਆਪਣੇ ਭਗਤਾ ਦੀ ਝੋਲੀ ਵਿਚ, ਖੈਰ ਬਾਬੇ ਨੇ ਪਾਈ ਹੈ
ਸਾਰੇ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਰੋਲਾ ਪੈ ਗਯਾ, ਰਤ੍ਨੋ ਮਾਂ ਹਰ੍ਸ਼ਾਈ ਏ

ਸਾਰੇ ਬੋਲੋ ਜੈ ਬਾਬੇ ਦੀ
ਜੈ ਮਾਤਾ ਦੀ ਜੀ
ਮੇਰੀ ਮਾਤ ਵੈਸ਼੍ਨੋਰਾਨੀ ਦੀ ਜੈ
ਮੇਰੀ ਮਾਤ ਰਾਜ ਰਾਨੀ ਦੀ ਜੈ



इक बालक ने घर रत्नों दे, वेखो अलख जगाई ए
सारे पिंड विच रौला पै गया, रत्नों माँ हर्षाई ए

कल तक वेखो, रत्नों कल्ली सी, अज रब ने की रीत बनाई
रूप धार के इक योगी दा, बालक आ गया शाह तलाई
रल मिल सारे लोक आ गए, रत्नों नु मिले वधाई ए
सारे पिंड विच रौला पै गया, रत्नों माँ हर्षाई ए

सीस ते ओहदे सुनहरी वाल ने, गल चांदी दी सिंघी पाई
बगल च झोली, हथ च माला, लगदा है कोई ओह रूप इलाही
जय अविनाशी, गुफा निवासी, रचना खूब रचाई ए
सारे पिंड विच रौला पै गया, रत्नों माँ हर्षाई ए

बोलो भगतो , सारे प्रेम नाल, पोनाहारी दी जय बोलो
भव सागर तो पार जे होना, जटाधारी दी जय बोलो
अपने भागता दी झोली विच, खैर बाबे ने पाई है
सारे पिंड विच रौला पै गया, रत्नों माँ हर्षाई ए

सारे बोलो जय बाबे दी
जय माता दी जी
मेरी मात वैष्णो रानी की जय
मेरी मात राज रानी की जय






बुधवार, 28 दिसंबर 2011

चरणों का तेरे बन के पुजारी: Charno ka tere ban ke pujari: Sanjay Mehta Ludhiana









चरणों का तेरे बन के पुजारी, मन मे बसाऊ तेरी छवि प्यारी प्यारी,
खूब सजती है तुझे शेर की सवारी, जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे

लाल लाल मैया जी को सोहे रंग लाल है. चुडा लाल , चुन्नी लाल, रोली मोली लाल है
तू ही मसीहा , तू ही मलंग, दुनिया भिखारी , तू शहंशाह , मुझे तो है तेरा आसरा,
जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे
चरणों का तेरे बन के पुजारी, मन मे बसाऊ तेरी छवि प्यारी प्यारी,
खूब सजती है तुझे शेर की सवारी, जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे

नेत्र लाल माता तेरे, वस्त्र तेरे लाल है, छवि देख सुध खोया , तेरा नन्हा बाल है
तुझ को पुकारे जाऊँगा, झोली यही फेलाऊंगा , मन की मुरदे पाऊंगा.
जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे
चरणों का तेरे बन के पुजारी, मन मे बसाऊ तेरी छवि प्यारी प्यारी,
खूब सजती है तुझे शेर की सवारी, जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे

कुंडल पहने कानो मे, और गले पुष्पमाल है , मेहँदी से है हाथ लाल, हृदय भी विशाल है
मैया तू है महारानी, निशदिन पडू तेरी मै वाणी, तेरे हाथ मेरी जिंदगानी
जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे
चरणों का तेरे बन के पुजारी, मन मे बसाऊ तेरी छवि प्यारी प्यारी,
खूब सजती है तुझे शेर की सवारी, जय जय हो अम्बे , जय जय हो जगदम्बे

जय माता दी जी
बोलिए मेरी माँ शेरोवाली की जय
बोलिए मेरी माँ राज रानी की जय
बोलिए मेरी माँ वैष्णो रानी की जय






मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

सभा विच द्रोपदी दी लाज बचान दे : Sba vich dropdi di laaj bachan de: Sanjay Mehta Ludhiana










छड दे पीताम्बर राधे , अज मेनू जान दे
सभा विच द्रोपदी दी लाज बचान दे

तीन तंदा बनिया ने ऊँगली दे नील ते
जग सारा वार दिया इको इक लीर ते
सर मेरे कर्जा , अज मेनू लाहन दे
छड दे पीताम्बर राधे , अज मेनू जान दे
सभा विच द्रोपदी दी लाज बचान दे


जे मै अज ना जावांगा , लाज ओहदी जाएगी
मार मार ताने मेनू द्रोपदी सताएगी
मार मार ताने मेनू द्रोपदी ले जाएगी
साड़ीया दे ढेर सभा विच मेनू लगान दे

जे मै अज सुनागा ना भगता दी पुकार नु
जे मै अज सुनागा ना द्रोपदी दी पुकार नु
किवे मुह दिखाऊ जाके विच संसार दे
बंसरी दी तान मेनू सभा विच लान दे
छड दे पीताम्बर राधे , अज मेनू जान दे
सभा विच द्रोपदी दी लाज बचान दे


*बंसरी दी तान सिर्फ द्रोपदी जी को सुनाई दी थी जिस पर वो मगन हो गई, उसे अपना कुछ ख्याल ना रहा. सब कुछ इश्वर पर छोड़ दिया.

बोलिए राधे राधे
जय माता दी जी
बोलिए मेरी मात राज रानी की जय
बोलिए मेरी मात वैष्णो रानी की जय






सोमवार, 26 दिसंबर 2011

जैकारा जैकारा बोलो जैकारा : Jaikara Jaikara Bolo Jaikara.. Sanjay Mehta, Ludhiana








जैकारा शेरोवाली का
बोल साचे दरबार की जय

जैकारा जैकारा बोलो जैकारा -2
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा -2
जिस ने प्रेम से बोला , माँ ने उस को पार उतारा-2
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा -२

ऊचा है दरबार, के जिस की महिमा अपरम्पार, के सारे जग की पालनहार वो शेरोवाली है, करती है उद्धार , के जिस के हाथो मे है तलवार, करे जो दुष्टों का संहार, के वो शक्तिशाली है-२
उस को कौन गिराए, जिस को माँ ने दिया सहारा-2
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा

मन मे धर के ध्यान जो, करे जो मैया का गुणगान, के उस की हर मुश्किल आसान बनाने आती है.. निर्धन को धनवान , बना दे निर्बल को बलवान , तभी तो सब सुखो की खान वो माँ कहलाती है .. -2
जगदम्बे के नूर से ही रोशन है यह जग सारा -2
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा

पर्वत पर है वास, लगे है मेले बारहों मॉस, सदा भगतो के दिल के पास, रहे अम्बे मैया, कर के जो विश्वास, बने उस के चरणों का दास, करे पूरी मन की हर आस, वो जगदम्बे मैया -2
लाखो ही भगतो को माँ ने पल मे पार उतारा -२
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा
जिस ने प्रेम से बोला , माँ ने उस को पार उतारा-2
जैकारा जैकारा बोलो जैकारा -२







बुधवार, 21 दिसंबर 2011

Punjabi Dohe By Sanjay Mehta Ludhiana









ਆਏ ਦੂਰੋ ਚਲਕੇ, ਬੇਠੇ ਬੂਹੇ ਮਲਕੇ
ਸਾਨੂ ਆਪ ਤੂੰ ਬੁਲਾਯਾ, ਮਾਏ ਚਿਠੀ ਘਲਕੇ

आये दूरो चलके, बैठे बुहे मल्के -२
सानु आप तू बुलाया, माये चिठ्ठी घल्के



ਮੈਯਾ ਤੇਰੇ ਦਰ ਖੜ ਕੇ, ਸਾਡਾ ਦਿਲ ਧੜਕੇ
ਛਡ ਦੇਵੀ ਨਾ ਸਾਡੀ ਕੀਤੇ ਬਾਹ ਫੜ ਕੇ

मैया तेरे दर खड के , साडा दिल धडके -२
छड देवी ना साड्डी किते बाह फड के



ਹੋਰ ਕੋਈ ਥੋੜ ਨਾ, ਦੇਵੀ ਖਾਲੀ ਮੋੜ ਨਾ
ਤੇਰੇ ਦਰਸ਼ਨ ਤੋ ਬਿਨਾ, ਸਾਨੂ ਕੋਈ ਹੋਰ ਲੋੜ ਨਾ

होर कोई थोड ना, देवी खाली मोड़ ना
तेरे दर्शन तो बिना, सानु कोई होर लोड ना


ਕਰ ਪ੍ਯਾਰ ਦਾਤੀਏ , ਝਾਤੀ ਮਾਰ ਦਾਤੀਏ
ਸਾਡੇ ਉਤੇ ਕਰ ਏਨਾ ਉਪਕਾਰ ਦਾਤੀਏ

कर प्यार दातिये, झाती मार दातिये
साड्डे उते कर ऐना उपकार दातिये


ਨਾ ਕੋਈ ਸੰਗ ਦਾਤੀਏ, ਇਕੋ ਇਕ ਮੰਗ ਦਾਤੀਏ
ਸਾਨੂ ਆਪਣੇ ਹੀ ਰੰਗਾ ਵਿਚ ਰੰਗ ਦਾਤੀਏ

ना कोई संग दातिये, इको मंग दातिये -२
सानु अपने ही रंगा विच रंग दातिये


ਨਾ ਵਿਚਾਰ ਦਾਤੀਏ, ਸਾਨੂ ਤਾਰ ਦਾਤੀਏ -੨
ਬੇੜੇ ਡੁਬਦੇ ਨੂ ਲਾਦੇ ਆ ਕੇ ਪਾਰ ਦਾਤੀਏ

ना विचार दातिये, सानु तार दातिये -२
बेड़े डुबदे नु लादे आ के पार दातिये







मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

बेटिया क्यों पराई है : Betiya Kyu Praai Hai : Sanjay Mehta Ludhiana










मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है
खेली कूदी मै जिस आँगन मे
वो भी अपना पराया सा लागे

बेटी कहती है माँ, जिस घर मै मे पैदा हुई , जहाँ मे खेली कूदी जवान हुई, शादी से पहले तो वो घर मेरा, यह समान मेरा, यह गाडी मेरी , सब कुछ मेरा माँ , मगर शादी के बाद अपना तो है मगर क्यों पराया लगने लगता है माँ , जो हक मेरा शादी से पहले था. शादी के बाद क्यों नहीं क्यों नहीं माँ


खेली कूदी मै जिस आँगन मे
वो भी अपना पराया सा लागे
एसा दस्तूर क्यों है माँ
जोर किस का चला इस के आगे
एक को घर दिया, एक तो वर दिया
तेरी कैसी खुदाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है


जो भी माँगा मैंने बाबुल से , दिया हस के मुझे बाबुल ने

बेटी कहती है माँ जिस चीज पर मैंने हाथ रखा, मेरे बाबुल राजा ने आज तक मुझे मना नहीं किया जिस चीज पर बेटी हाथ रखती है बाबुल राजा कहते है ले जा बेटी, और जिस ने अपने दिल का टुकड़ा अपने जिगर का टुकड़ा दान दे दिया हो , यह छोटा मोटा दहेज़ क्या मायना रखते है, बेटी क्या कहती है आगे

जो भी माँगा मैंने बाबुल से , दिया हस के मुझे बाबुल ने
प्यार इतना दिया है मुझ को, क्या बयाँ करू अपने मुख से
जिस घर मे पली , उस घर से ही माँ , यह कैसी विदाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है

अच्छा घर सुंदर वर देखा माँ ने, क्षण मे कर दिया उन के हवाले

हर माँ बाप अपनी बेटियों के लिए अच्छा घर और सुंदर वर ढूंढते है , ऐसे कोई माँ बाप नहीं , जो अपनी बेटी को सुखी ना देखना चाहे, बेटिया कहती है माँ , एक क्षण मे एक पल मे तुम ने सारी ममता , कैसे पराई कर दी, भूल गई वो ममता और तुम ने मुझे कैसा पराया बना दिया माँ, बेटे अगर तेरे 7 हो तो उन्हें तो जुदा नहीं करती, बेटी तेरी अगर 1 हो , तो उसे क्यों जुदा करती है माँ , क्यों

अच्छा घर सुंदर वर देखा माँ ने, क्षण मे कर दिया उन के हवाले
जिन्दगी भर का यह है बंधन , कह के समझाते है घर वाले
देते दिल से दुआ, खुश रहना सदा , कैसी प्रीत निभाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है

अब तो जाना पड़ेगा मुझ को, विछोडा सहना पड़ेगा सब से

संजय यह बेटियो को पता है के हम पराये है , एक ना एक दिन हमें अपने बाबुल राजा का घर छोड़ कर जाना ही पड़ेगा, हमें अपनों से जुदा होना ही पड़ेगा, सब के लिए हम पराये बन जायेंगे, ख़ुशी की बात है के बेटी अपने घर जा रही है, मगर कितना दुख होता है जब एक बेटी अपने बाबुल राजा के आंगन को लांघ कर विदा होती है , हर आँख आंसू बहाती है , कठोर दिल भी रोने लगता है , बेटी जाने लगी और कहती है माँ

अब तो जाना पड़ेगा मुझ को, विछोडा सहना पड़ेगा सब से
गलतिय माफ़ करना मेरी, दूर रहना पड़ेगा अब से
अच्छा चलती हु माँ , अब गले से लगा ला
बेटिया तो पराई है माँ , बेटिया तो पराई है माँ

बोलिए जय माता दी जी
मेरी माँ वैष्णो देवी की जय
मेरी माँ राज रानी की जय








सोमवार, 19 दिसंबर 2011

अम्बे तेरे चरणों की मै तो हु धुल: Ambey Tere Charno Ki mai to Hu Dhool: Sanjay Mehta Ludhiana









अम्बे तेरे चरणों की मै तो हु धुल ,
मुझ को ना भूल, द्वार तेरे आया हु
अरे मै तुझ को मानु, तुझे जगजननी जानू
कर ले काबुल , श्रधा के फूल, भेंट तेरी लाया हु

मै पुजारी, तेरा मैया निशदिन ज्योत जगाऊ
मै भिखारी , भाग स्वार्ण तेरे दर पे आऊ
मुझ से ना नाता तोडना , मेरी हाथ कभी ना छोड़ना
करो दुःख दूर , मै हु मझबूर , आस ले कर आया हु

अम्बे तेरे चरणों की मै तो हु धुल, मुझ को ना भूल, द्वार तेरे आया हु



अम्बे रानी , हे महारानी, सब की भाग्यविधाता
राजा हो या रंक ,सभी से मैया तेरा नाता
रहा तुझ को मै पुकारता माँ, तू दे दे प्यार माँ
करो बेडा पार , आया तेरे द्वार , मै ना पराया हु

अम्बे तेरे चरणों की मै तो हु धुल, मुझ को ना भूल, द्वार तेरे आया हु
अरे मै तुझ को मानु, तुझे जगजननी जानू
कर ले काबुल , श्रधा के फूल, भेंट तेरी लाया हु










शनिवार, 17 दिसंबर 2011

मेरी कखां वाली कुल्ली विच आ माता : Sanjay Mehta Ludhiana








मेरी कखां वाली कुल्ली विच आ माता
मेरी ज्योता तू आ के जगा माता
हुन्न आओ माता - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा वैष्णो - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा अमिए - फेरा पाजा अम्मिये
हुन्न आजा रानिय - फेरा पाजा रानिय

तेनु अकबर ने अजमाया सी -२
तेरिया ज्योता ते पानी पाया सी -२
अपनीय ज्योता दा जलवा दिखा माता
मेरी ज्योता तू आ के जगा माता
हुन्न आओ माता - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा वैष्णो - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा अमिए - फेरा पाजा अम्मिये
हुन्न आजा रानिय - फेरा पाजा रानिय

तेनु ध्यानु भगत ने ध्यया सी -२
कट्टे घोड़े दा शीश चढ़ाया सी -२
कट्टे घोड़े दा शीश मिला माता
हुन्न आओ माता - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा वैष्णो - फेरा पाओ माता
हुन्न आजा अमिए - फेरा पाजा अम्मिये
हुन्न आजा रानिय - फेरा पाजा रानिय

जय जय अम्बे - जय जगदम्बे
जय जय अम्बे - जय जगदम्बे
जय जय माँ - जय जय माँ
बोलिए जय माता दी जी






मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

तुने माला भी घुमाई , तुने ज्योत भी जगाई: Tune Mala Bhi Gumaai By Sanjay Mehta Ludhiana










तुने माला भी घुमाई , तुने ज्योत भी जगाई
पर मन का ना मनका घुमाया तुमने,
सच्चे मन से कभी माँ को ना बुलाया तुमने

तू फसा रहा दुनिया के मायाजाल मे
कभी याद ना किया माँ को किसी हाल मे
तुने करी मनमानी , तेरी बीती जिंदगानी ,
माँ के चरणों मे सर ना झुकाया तुमने
सच्चे मन से कभी माँ को ना बुलाया तुमने

नाम मैया जी का संकटों को दूर करेगा
आजा रख विश्वास भव पार करेगा..
पहले दिल कर साफ़, मैया कर देगी माफ़
सदा मुश्किलों मे फसाया तुमने
सच्चे मन से कभी माँ को ना बुलाया तुमने

दीपक आस का जला के तू बुला ले एक बार
दोडी आएगी भवानी हो के शेर पे सवार
तुझ को होगा दीदार , कर ले माँ की जय जैकार
पर्दा दूरी वाला कभी ना हटाया तुने
सच्चे मन से कभी माँ को ना बुलाया तुमने






शनिवार, 10 दिसंबर 2011

भक्ति के नौ द्वार : Bhgti ke no dwar : By Sanjay Mehta Ludhiana









पहली भक्ति जान ले, संत जनों का संग
सत संगत से जीव पर चढ़े हरि का रंग

दूजी भक्ति कथा मे, श्रद्धा और विश्वास
हरि कथा मे रहे मग्न , सदा हरि का दास

गुरु चरणन की सेवा को , तीजी भक्ति जान
गुरु कृपा बिन जाए नहीं , मोह माया अज्ञान

चौथी भक्ति हरि के, गुण गाना दिन रात
हरि महिमा गुण गान से, सभी अमंगल जात

पंचम भक्ति नाम का, सवासो स्वास जप
सिमरन सम साधन नहीं , क्या तीर्थ क्या तप

छठी भक्ति विषयों से, सदा रहे वैराग
बहु कर्मो से रहे विरक्त, राम चरण अनुराग

राम रूप जन जान कर, सबसे करना प्रेम
सप्तम भक्ति है यही, भक्ति का ये नेम

आठवी भक्ति किसी के , जान पड़े ना दोष
सहज स्वभाव जो मिल जाये, ता मे हो संतोष

राम भरोसे रहने को, नवी भक्ति मान
नौ मे से इक भी मिल जाये,दया साईं की जान

अब बोलिए जय माता दी जी
बोलिए मेरी मैया वैष्णो रानी की जय
बोलिए मेरी मैया राज रानी की जय