रविवार, 31 जुलाई 2011

मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया: Maiya Tune Mera Kaisa Insaaf Kiya Hai: Sanjay Mehta, Ludhiana









बोलो जय माता दी, हर हर महादेव, माँ ज्योतावाली ज्वाला देवी की जय, मेरी माँ राज रानी की जय:संजय मेहता


मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,
छोटा सा गुनाह मेरा, अब तक ना माफ़ किया..

थोड़ी सी नादानी, सब करते है माता
समझा देती तू अगर , तेरा क्या बिगड़ जाता..
माँ मेरी गलती पर , इतना क्यों ध्यान दिया..
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,


माता का दिल होकर, कैसा पत्थर दिल है,
इसे दिल को मैया, समझना मुश्किल है..
मैंने जो कुछ भी किया, अनजाने मे ही किया..
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,


इन्साफ की देवी हो, इन्साफ करो माता..
संजय तुम्हारा ही बालक है.. इसे माफ़ करो माता
बस इतना कह दे .. जा तुझको माफ़ किया बेटा
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,

जय माता दी जी..
संजय मेहता


Jai Mata Di Ji. By Sanjay Mehta, Ludhiana



Ya devi sarva bhoothe shu shakti roopena sansthita namastasyaye namastasyaye namastasyaye namo namaha!



शनिवार, 30 जुलाई 2011

एक दिन कान्हा शोर मचाये, पेट पकड़ चिल्लाये.: Ek din Kanha Shor Machaye:Sanjay Mehta, Ludhiana












एक दिन कान्हा शोर मचाये, पेट पकड़ चिल्लाये..
अरे क्या हो गया है, अरे क्या हो गया है..
भामा रुक्मण समझ ना पाए, कैसे रोग मिटाए..
अरे क्या हो गया है, अरे क्या हो गया है..

पूछे है दोनों रानी, पीड़ा मिटेगी कैसे सांवरे
नैनो मे भरकर पानी, बोले बचूंगा नहीं आज रे..
चरणों को धोकर जल ले आओ, लाकर मुझे पिलाओ..
अरे क्या हो गया.....


ऐसा ना होगा हमसे, कहने लगी वो दोनों रानिये
पैरो को धोकर अपने, कैसे पिलाये अपना पानी ए,
जब तक सूरज चाँद गगन मे, होगा ना पाप हमसे...
अरे क्या हो गया.....


नारद से बोले कान्हा, अब तो हुआ है बुरा हाल रे..
राधा से जाकर कह दो, अपने कन्हैया को सम्भाल रे..
आज अगर वो जल ना लाओ , बाद मे पछताए..
अरे क्या हो गया.....

सोचो वो प्रेम दीवानी, प्रेम का यही दस्तूर है
प्राण बचे मोहन के , नर्क मे जाना मंजूर है..
झट से अपने चरण धुलाये, लौटा दिया थमाय
अरे क्या हो गया.....

धन्य वो राधा रानी, प्रीत निभाई तुमने प्यार की
प्रीत मे राधा रानी, खुशिया मिली है तुम्हे जीत की..
'संजय' कहे कान्हा मुस्काए.. रानी खड़ी ना जाये...
अरे क्या हो गया.....
संजय मेहता
जय माता दी जी <3 <3




शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की: By Sanjay Mehta, Ludhiana











दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की
याद उठती है कलेजे मे मेरे घनश्याम की..
भगत हो तो ऐसे हो जैसे श्री हनुमान जी..
चीर के छाती दिखा दी मूर्ति श्री राम की..



फोड़ के आँखे यु बोले, भगत मंगल सूरदास
आँख जो हरि को ना देखे, आँख वो किस काम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की


तुमसे तुमको चाहते है, देना हो तो दीजिये..
वर्ना कुछ इच्छा नहीं है , मुझको घनश्याम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की

सेवा अपनी दीजिये, चरणों मे लगा लीजिये..
आप ने मिलते प्रभु तो , जिन्दगी किस काम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की

Sanjay Mehta
Jai Mata Di G





गुरुवार, 28 जुलाई 2011

ब्रह्मज्ञान: Brehmgyaan: Sanjay Mehta Ludhiana










ब्रह्मज्ञान


ब्रह्मज्ञान की इच्छा रख
धनी महाशय एक
साईं नाथ के सन्मुख आ
बोले माथा टेक


दिया बहुत कुछ ईश ने
धन सँपत्त और दास
जो थी पूर्ण हो गई
हर इच्छा हर आस


अब तो बस ये चाहूँ मैं
ब्रह्मज्ञान मिल जाए
जल्दी से पा जाऊँ तो
जनम सफल हो जाए


साईं मैंने है सुना
देते हो तुम ज्ञान
ब्रह्म दर्शन करवा कर के
कर दो मम कल्याण


बाहर ताँगा है खडा
दिन जाता है ढलता
जल्दी ज्ञान मिल जाए तो
मैं वापिस हूँ चलता


मँद मँद मुस्काकर के
साईं ने फरमाया
धन्य हुआ जो मैंने आज
दर्शन आपका पाया


कितने ही जन आते यहाँ
इच्छा लिए अनेक
ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति को
आप ही आए एक


यहाँ विराजो मित्र तुम
देता हूँ मैं ज्ञान
विरले पिपासु आए तुम
भक्ति भाव की खान


साईं नाथ महाराज ने फिर
बालक एक बुलाया
पाँच रुपये उधार लाने को
उसको था दौडाया


खाली हाथ लौटा था बालक
एक नहीं कई बार
कई जगह पर जा कर भी
लाया नहीं उधार


धनी महाशय हुए अधीर
होती देख अबेर
बोले ब्रह्मज्ञान दो साईं
होती है मुझे देर


तब देवा ने श्री मुख से
मधुर वचन फरमाया
इस सारे नाटक से तुमको
समझ नहीं कुछ आया?


ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति का
सहज नहीं उपाय
मोह माया से ग्रसित जन
कैसे उसको पाय


ब्रह्मज्ञान का अधिकारी
सो ही जानो आप
पाँच वस्तुऐॅ त्यागे जो
हो जावे निष्पाप


पाँच प्राण, पाँच इन्द्रियाँ,
मन, बुद्दि, अहँकार
मुमुक्षु जन त्यागे इन्हें
समझे जीवन सार


बँधन माने माया को
होना चाहे मुक्त
प्रयत्न करे सँकल्प से
हो भक्ति से युक्त


उदासीन हो लोक से
चाहे ना धन मान
विरक्त रहे सँसार से
रमा रहे हरि नाम


अन्तर्मुखी हो मन से जो
इधर उधर ना डोले
लीन रहे परमात्म में
मुख से अमृत घोले


सभी दुष्टता त्याग दे
पाप कर्म को छोडे
पूर्ण शाँत और स्थिर होवे
नाता ईश से जोडे


सत्यवान हो, त्यागी हो
वश में कर ले मन
चित्त शुद्ध हो, सरल हो
उज्जवल होवे तन


ऐसे जीवन साध कर
गुरू कृपा जब होवे
ईश कृपा भी मिले उसे
जग के बँधन खोवे


ब्रह्मज्ञान मिलता नहीं
लोभ मोह के सँग
मन की काली चादर पे
चढे ना कोई रँग


पाँच रुपये के पचास गुना
धरे तुम्हारे पास
लेकिन धन की तृष्णा की
बुझी ना तेरी प्यास


धनी महाशय द्रवित हुए
पाकर मधुर उपदेश
श्री चरणों पर मस्तक टेक
पाया ज्ञान विशेष


जय साईं राम
Sanjay Mehta





बुधवार, 27 जुलाई 2011

मै पहाडो से दौड़ी चली आउंगी.. मुझे दिल से पुकारो










मै पहाडो से दौड़ी चली आउंगी.. मुझे दिल से पुकारो

पहला संदेशा सभी देवताओं का आया..
दुष्ट दानवो ने उन्हें बहुत सताया..
मै काली का रूप धर आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

दूसरा संदेशा शंकर जी का आया..
दुष्ट महिषासुर ने उन्हें बहुत सताया..
मै गौरा का रूप धर आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

तीसरा संदेशा राम जी का आया..
दुष्ट रावण ने उन्हें बहुत सताया..
मै सीता का रूप धर आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

चौथा संदेशा कृष्ण जी का आया..
दुष्ट कंस ने उन्हें बहुत सताया..
मै राधा का रूप धर आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

पांचवा संदेशा विष्णु जी का आया
दुष्ट भस्मासुर ने उन्हें बहुत सताया..
मै लक्ष्मी का रूप धर आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

छटा संदेशा भगतो का आया..
कलियुग ने उन्हें बहुत सतया..
मै सतयुग लाने आउंगी..
मुझे दिल से पुकारो

Sanjay Mehta




मंगलवार, 26 जुलाई 2011

On Line Durga Pooja : Sanjay Mehta Ludhiana














Sanjay Mehta, Ludhiana

!!! तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!! .. Tera Shukriya... By Sanjay Mehta Ludhiana












!!! तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!!

मुझे तुने दाता बहुत कुछ दिया है ..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

यह जायदाद दी है, यह औलाद दी है..
मुसीबत मे हर वक्त इमदाद की है..
तेरा ही दिया मैंने खाया पिया है
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

ना मिलती अगर , दी हुई दात तेरी
तो क्या थी जमाने मे औकात मेरी..
यह बंदा तो तेरे सहारे जिया है ..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

मेरा ही नहीं तू सभी का है दाता
सभी को सभी कुछ है देता दिलाता..
जो खाली था दामन वो तुने भरा है ..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

मेरा भूल जाना, तेरा ना भूलना
तेरी रहमतो का, कहाँ है ठिकाना..
तेरी इस मोहबत ने पागल किया है..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

तेरी बंदगी से मै , बंदा हु मालिक..
तेरे ही कर्म से मे जिन्दा हु मालिक
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है ..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

तेरा शुक्रिया तुने दर पे बुलाया
सोया नसीब ये तुने जगाया..
जमाने का हर सुख मुझ को मिला है..
तेरा शुक्रिया , तेरा शुक्रिया !!

संजय मेहता
जय माता दी जी




शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

जय शक्ति जय जय महाकाली..: Jai Jai Shakti Jai Jai Mahakaali.. :Sanjay Mehta Ludhiana










जय शक्ति जय जय महाकाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली..
आदि गणेश मनाऊ दाती ... चरण सीस निवाऊ दाती
तेरे ही गुण गाऊ दाती.. तू है कष्ट मिटावंन वाली
जय शक्ति जय जय महाकाली.. जय शक्ति जय जय महाकाली..

खंडा दाये हाथ बिराजे.. बाये हाथ मे खप्पर साजे..
द्वारे तेरे नौबत बाजे.. मुंडन मॉल गले मे डाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली.. जय शक्ति जय जय महाकाली..


महाकाल से रक्षा करती , धन से सदा भंडारे भारती
दासों के दुखो को हरती, साथ फिरे करती रखवाली ..
जय शक्ति जय जय महाकाली..जय शक्ति जय जय महाकाली..

चंड मुण्ड का नाश किया था.. देवों को वरदान दिया था..
रक्तबीज का रक्त पिया था.. रक्तदन्ता कहलाने वाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली..जय शक्ति जय जय महाकाली..

भद्रकाली तू आद कंवारी .. मात वैष्णो सिंह सवारी..
चंडी अम्बा जगम्हतारी, चिन्तपुरनी ज्वाला बलशाली ...
जय शक्ति जय जय महाकाली.. जय शक्ति जय जय महाकाली..

सभी देवता तुझको ध्यावें... तेरा ही स्त्रोत गावे...
हर मुश्किल मे तुम्हे बुलावे.. तू है विजय दिलावन वाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली.. जय शक्ति जय जय महाकाली..

मेरे मन की जानो माता.. मेरे दुःख पहचानो माता..
मेरी बिनती मानो माता.. दर से ना ही फेरो खाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली.. जय शक्ति जय जय महाकाली..

दासो का तुम ख्याल ही रखना
'चमन' को भी खुशहाल ही रखना..
मैया माला माल ही ही रखना
सब की आस पुजाने वाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली..जय शक्ति जय जय महाकाली..







Sanjay Mehta



गुरुवार, 21 जुलाई 2011

ॐ सांई राम!!! : Om Sai Ram: Sanjay Mehta Ludhiana









ॐ सांई राम!!!

मेरा हर एक आँसू सांई तुझे ही पुकारे है ~
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है ~
जब आप की याद सांई सही न जाए ~
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है ~
तब ज़ुबा, हाथ , पांव सब बेबस होते है ~
इन्ही का काम सांई आँसू कर देते है ~
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी ~
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ~
जब तक ये बहते है सांई आँखे बंद रहती है ~
बंद आँखे ही सांई मुझे आप से मिलाती है ~
बह बह कर सांई जब ये थक जाते है ~
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है ,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है,
बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है ~
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए ~
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए~~


जय सांई राम!!!




॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥
॥ ॐ सांई राम ॥
॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥



सोमवार, 18 जुलाई 2011

विघ्न हरण मंगल करण, सोहत हाथ त्रिशूल :sanjay Mehta, Ludhiana













विघ्न हरण मंगल करण, सोहत हाथ त्रिशूल

विद्या - वर - दायक सदा , सिध्ही सदन सुख - मूल

रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे
गजानंद नाचे विनायक, गणपति जी नाचे ..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

पिता तुम्हारा है शिव शंकर, नन्दीश्वर साजे ..
माता तुम्हारी पार्वती है . सिंह चढ़ी गाजे
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

मूसक वाहन सुंड - सुन्डाला , एकदंत साजे
गल पुष्पन को हार विराजे, कोटि काम लाजे..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

विघ्न निवारण मंगल कारण , राजनपति राजे
'तुलसीदास' गणपति ना सुमरियां , दुःख दारिद्र भाजे..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे




Sanjay Mehta
Jai mata Di G




शनिवार, 16 जुलाई 2011

मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना :Mera Ghar Grehsathi: Sanjay Mehta, Ludhiana








मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना


नमस्कार जगदम्बे जग की महारानी
मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना
मुझे नेक संतान शक्ति दिलाना
सदा मेरे परिवार की रक्षा करना
ना अपराध को मेरे दिल माहि धरना
नमस्कार और कोटि प्रणाम मेरा..
सदा ही मे जपता रहू नाम तेरा
बहुत दीन बलहीन हूँ मै भवानी
दया दृष्टि रखना सदा माँ शिवानी
कभी आंच मुझपे माँ आने ना देना
माँ दूर अपनी करुणा को जाने ना देना
तेरी दिव्या ज्योति जगे मन के मंदिर
कभी फर्क आये ना माँ उसके अंदर
]तेरी माला ही हर पल जपता रहू मै
तेरा ध्यान अम्बे माँ करता रहू मै
मेरे शीश ममता की रखियो माँ छाया
महामाया जानू ना मै तेरी माया
कोई डर कोई भूत मुझको लगे ना
कोई शूल संकट का पग मै लगे ना
मुझे ज्ञान की तू सुधा माँ पिलाना
तू अंधकार माँ मेरे मन का मिटाना
मुझे देना 'निर्दोष/संजय मेहता ' चरणन की धुली..
तेरे नाम रत्नों से भर लूँ मै झोली
तेरी भगति बन जाये मन का खजाना
मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना
Sanjay mehta
Jai Mata di G






शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना: Gurudev Dya Karke... Sanjay Mehta, Ludhiana











गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना
मै शरण पड़ा तेरी, चरणों मे जगह देना

करुणा निधि नाम तेरा , करुणा दिखलाओ तुम
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम
मेरी नाव भवर डोले, उसे पार लगा देना..
गुरुदेव दया करके...

तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो..
इस तन मे समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो..
नित माला जपु तेरी, नहीं दिल से भुला देना..
गुरुदेव दया करके...

पापी हु या कपटी हु जैसा भी हु तेरा हु..
घर बार छोड़कर मै, जीवन से खेला हु..
दुःख का मारा हु मै.. मेरा दुखड़ा मिटा देना
गुरुदेव दया करके...

मै सबका सेवक हु, तेरे चरणों का चेरा हु..
नहीं नाथ भुलाना मुझे, इस जग मे अकेला हु..
तेरे दर का भिखारी हु, मेरे दोष मिटा देना
गुरुदेव दया करके...


Sanjay Mehta
Jai Mata Di G




राम रस पे ले रे पिलावे मेरे गुरु ज्ञानी: Sanjay Mehta, Ludhiana











राम रस पे ले रे पिलावे मेरे गुरु ज्ञानी
आया था हरी भजन करन को, भूल गया नादान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..

माया मोह मे फंसा बावरे , मकड़ी जैसा जाल..
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..


जिस घर मे हो प्रभु की पूजा, वही रहे भगवान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..

जिस घर मे हो गुरु की सेवा, वह घर बैकुंठ धाम
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....

जिस घर मे हो भागवत गीता, वह घर तीर्थ जान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....

जिस घर मे हो पतिव्रता नारी, वही घर स्वर्ग समान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..

जिस घर मे हो तुलसी पूजा, वह घर गंगा मान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....


Sanjay Mehta
Jai Mata Di G




सागर से भी गहरा बन्दे, सदगुरुदेव का प्यार है: Sagar se Bhi Gehra..









सागर से भी गहरा बन्दे, सदगुरुदेव का प्यार है..
देख लगाकर गोता इसमे , तेरा बेडा पार है

भाव सागर मे एक दिन तेरी, जीवन नैया डूबेगी..
खेते खेते, एक दिन तो पतवार भी तेरी टूटेगी
जायेगा उस पर तू कैसे , हर तरफ अन्धकार है
सागर से भी गहरा बन्दे..

सौंप दे नैया गुरुदेव को, वो ही पार लगा देंगे..
पैर पकड़ ले जाकर के तू, सोये भाग्य जगा देंगे
पापी से भी पापी को भी, करते ना इनकार है ..
सागर से भी गहरा बन्दे..


संत समागम हरी कथा भी गुरु की कृपा से पाओगे..
खुद आयेंगे श्याम प्रभु, गर गुरु तुम्हे मिल जायेंगे..
भगतो सुन लो गुरु कृपा बिन, जिन्दगी बेकार है
सागर से भी गहरा बन्दे..


Sanjay Mehta
Jai Mata Di G



मंगलवार, 12 जुलाई 2011

छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना :Chhm Chhm Nache Veer Hanumana:Sanjay Mehta, Ludhiana






●̮̮̃•̃) »♥«»♥
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छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना
कहते है लोग इसे राम का दीवाना

पाँव मे घुंघरू बाँध के नाचे
रामजी का नाम इसे प्यारा लागे..
राम ने भी देखो इसे , खूब पहचाना
छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना

जहाँ जहाँ कीर्तन होता है श्रीराम का..
लगता है पहरा वहां वीर हनुमान का..
राम के चरण मे है इनका ठिकाना
छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना


नाच - नाच देखो श्रीराम को रिझाये
हनुमत रात-दिन नाचता ही जाए..
भगतो मे भगत बड़ा, दुनिया ने माना..
छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना



Sanjay Mehta
Jai Mata Di G








बड़ी भोली है मैया तू, बड़ी भोली सी सूरत है:Sanjay Mehta, Ludhiana