गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

सरस्वती माता की आरती


सरस्वती माता की आरती सरस्वती देवी जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता | सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय..... चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी | सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥ जय..... बायेँ कर में वीणा दायें कर में माला | शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥ जय..... देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया | पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥ जय..... विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो | मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय..... धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो | ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय..... माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें | हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय..... जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता | सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय... Sanjay Mehta

मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

शेर पे सवार मेरी शेरा वाली माँ

शेर पे सवार मेरी शेरा वाली माँ पहाडो मे बसी मेरी मेहरा वाली माँ रूप है तेरे कई ज्योत वाली माँ नाम है तेरे कई लाटा वाली मा जगजननी है मेरी भोली भाली मा मेरे नैनों की प्यास बुझा दे , मात मुझे दर्शन दे अपने चरणों का दास बना ले , मात मुझे दर्शन दे शेर पे सवार.... दयालु तू है माँ, क्षमा कर देती है सभी कष्टों को माँ, तू हर लेती है जैकारा शेरा वाली दा, बोल साचे दरबार की जय तू ही जगजननी है, तू ही जगपालक है चराचर की मैया, तू ही संचालक है अपनी ज्योत मे मुझको समाले, मात मुझे दर्शन दे मेरे नैनो की प्यास बुझा दे, मात मुझे दर्शन दे शेर पे सवार.... दूर अब तुझसे माँ, मे ना रह पाउँगा... प्यास तेरे दर्शन की माँ... अब ना सह पाउँगा... जैकारा शेरवा वाली दा... बोल सांचे दरबार की जय आसरा एक तेरा, बाकी सब सपना है तेरे बिन है मैया कोई ना अपना है मेरे पैरो मे पड़ गए छाले.. अब तो मुझे दर्शन दे मात मुझे दर्शन दे मेरे नैनो की प्यास बुझा दे.. मात मुझे दर्शन दे अपने चरणों का दास बना ले .. मात मुझे दर्शन दे शेर पे सवार .... संजय मेहता

बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

मै चुनरी चडाऊ तारो जड़ी.. सिद्ध करदे मेरे काज मा

मै चुनरी चडाऊ तारो जड़ी.. सिद्ध करदे मेरे काज मा मेरी सदा ही रखना लाज माँ मै चुनरी चडाऊ तारे जड़ी मुझे एसा वर दे जगदम्बे तेरी भगति मे मन लगा रहे मेरे रोम रोम मे ए दाती तेरे नाम का दीपक जगा रहे तेरी करुना मेरे साथ रहे मेरे सेर पे तेरा हाथ रहे मै चुनरी चडाऊ .... मै जहा भी मन से याद करू मुझे वही सहारा दे जाना किसी पथ पर भटकू मे अगर मेरे हाथ पकड़ के ले जाना निष्फल हो ना अरदास कभी मेरा डोले ना विश्वास कभी मै चुनरी चडाऊ ... तेरे नाम के करोड़ो रूप है माँ हर रूप को मे परनाम करू मुख मेरा तेरे नाम जपे जिस वक्त मे जो भी काम करू कभी भूलू ना माँ द्वार तेरा मै पाऊ हमेशा प्यार तेरा मै चुनरी चडाऊ ... सिद्ध करदे मेरे.... मेरी सदा ही.... मै चुनरी चडाऊ .... Sanjay Mehta

रविवार, 6 फ़रवरी 2011

डगरिया मुरलीधर दधि बेच मुझे घर जाना है....

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

साई के उजालो,


साई के उजालो, मेरे साई के उजालो . आँखों में सिमट आओ अंधेरो को निकालो .. महफ़िल में तेरी आये तो हम एक हुए हैं . रस्ते पे तेरे चल के सभी नेक हुए हैं . हर पग पे सम्भाला है तो आगे भी संभालो .. साई के उजालो ............. बरसों से तुम्हें दिल की नज़र से ढूंढ़ रही है . जिस घर में छिपे हो वो ही घर ढूंढ़ रही है . परदों से निकलकर मुझे आँचल में छिपालो .. साई के उजालो ............. दुनिया का अजब हाल है इंसान के हाथों . ऐसा तो न होगा कभी शैतान के हाथों . अब चाहो तो आकाश पे धरती को उठालो .. साई के उजालो ............. साई के उजाले मेरे साई -- Sanjay Mehta